वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ चुनावी बॉन्ड मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश: मामला 10 अक्टूबर तक स्थगित
बेंगलुरू की पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव कोर्ट ने देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ एक गंभीर कदम उठाते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह मामला जनाधिकार संघर्ष परिषद (JSP) द्वारा अदालत में दायर याचिका के बाद सामने आया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री ने चुनावी बॉन्ड योजना का इस्तेमाल करके जबरन पैसों की वसूली की है।
क्या हैं आरोप?
JSP ने अदालत में कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना, जिसे राजनीतिक दलों को चंदा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, का दुरुपयोग किया गया। परिषद ने यह दावा किया कि वित्त मंत्री द्वारा इस योजना के जरिए अनुचित ढंग से धन जुटाया गया, जिससे पारदर्शिता और चुनावी नैतिकता पर सवाल उठ रहे हैं।
आगे की प्रक्रिया
हालांकि, इस मामले की सुनवाई फिलहाल 10 अक्टूबर 2024 तक के लिए स्थगित कर दी गई है। अदालत के इस आदेश ने राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज कर दी है, खासकर ऐसे समय में जब देश के कई प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनावों की तैयारी हो रही है। विपक्ष इस मुद्दे को उठाकर वित्त मंत्री और केंद्र सरकार पर हमला कर सकता है, जिससे आगामी चुनावों में यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक विवाद बन सकता है।
वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया
इस मामले पर अभी तक वित्त मंत्री सीतारमण की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन भाजपा और सरकार इस मुद्दे पर सतर्क नजर आ रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी सुनवाई में अदालत क्या रुख अपनाती है और इस केस का चुनावी माहौल पर क्या असर पड़ता है।